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Wednesday 24 June 2015

दिल धडकने दो यादें ताज़ा हो आई - राजीव कोहली

आज काफी दिनों बाद ब्लॉग लिखने बैठा हूँ... यही सोचा है और निश्चय किया है की ब्लॉग लिखने को भी अब हर रोज़ का नियम बना लूँगा. लिखने से आपके मन को एक विशेष अनुभूति होती है. कुछ ऐसा लगता है की जो भी बोझ आपके मन में था या कुछ ख़ुशी के पल जो आप अपने मन में संजोये बैठे अकेले जी रहे थे वो पल आपको सभी के साथ बाट्ने का मौका मिल जाता है. खैर ये ब्लॉग मैं समर्पित करता हूँ बीते हुए दो दिनों को जिन दो दिनों में मैंने कई ख़ुशी के लम्हे जिए. इन दो दिनों ने मेरी ज़िन्दगी के कई बिखरे हुए पन्नो को एक किताब में फिर से संजो दिया. परसों ही अचानक जब facebook पे अपने अकाउंट को टटोल रहा था तो एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आई देखा तो और किसी की नहीं मेरी कजिन सिस्टर ने रिक्वेस्ट भेजी थी. देखते ही ख़ुशी का ठिकाना न रहा. ऐसा लगा की इतने दिनों बाद facebook ने कुछ तो अच्छा किया मेरी सिंदगी में. यही नहीं सिस्टर से चाट करने का भी मौका मिला उसने कहा की facebook जैसे समुन्द्र में आखिर उसने अपने भाई को ढून्ढ ही लिया. अब आप सोचेंगे की इसमें कौन सी बड़ी बात हुयी भाई facebook पे तो आये दिन अपनों की या कभी परायों की फ्रेंड रिक्वेस्ट आती ही रहती है. लेकिन नहीं जनाब आप मेरी बात से सहमत होंगे की ये बड़ी बात थी जब आप ये जानेंगे की सिंदगी के रोज़ मर्रा  की मसरूफियत ने हम सभी को इतना दूर कर दिया है एक दुसरे से की मेरी सिस्टर जिसका मैं जिक्र कर रहा हूँ मेरे घर से फरलोंग की दूरी पर ही रहती है फिर भी शायद कई महीने बीत गए होंगे उसको और मुझे मिले हुए यही नहीं स्मार्ट फ़ोन भी काम नहीं आये और एक कॉल तक नहीं की जा सकी. इसलिए कल जब उसके साथ facebook पे मुलाकात हुयी तो चाहे ये मुलाकात २१वी सदी के तरीके से मिलना ही सही लेकिन दिल को बहुत तस्सली मिली और बेहद ख़ुशी हुयी. facebook ने एक और ख़ुशी दी मुझे कल मेरे पोस्ट ग्रेजुएशन के एक दोस्त ने मुझे पिंग किया और हमारे कॉलेज का एक नया whats app ग्रुप बना जिसमे मुझे सम्मलित किया गया. और वहाँ पे सभी पुराने दोस्तों से बात करने का ये जानने का की वो लोग कहाँ हैं मौका मिला. और इन्ही सब लोगों में से एक है मेरी सबसे प्रिय और सबसे करीबी दोस्त जिसको मैं कई सालों से ढून्ढ रहा था लेकिन कुछ अत्ता पता नहीं चल रहा था. आज अभी ये ब्लॉग लिखने से पहले उसके साथ चाट हुयी और जाना की वो भी दिल्ली के बेहद करीब ही रहती है लेकिन बस हम जानते ही नहीं the हम लोग कहा गुम हैं अपनी ज़िन्दगी में. बस इतना ही कहूँगा की thank you facebook. आज मैं बहुत खुश हूँ.

4 comments:

  1. कृपया अपने ब्लॉग पर ब्लॉगर का फ़ालोवर बटन लगाएँ ... इस से पाठकों को आपका ब्लॉग फॉलो करने और उसकी फ़ीड प्राप्त करने मे सहजता होगी !!
    धन्यवाद !!

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    1. शुक्रिया शिवम् जी बिलकुल मैं आज ही फालोवर बटन को लगता हूँ... आपके सुझाव के लिए सुह्क्रिया... आशा करता हूँ आपको ये ब्लॉग पसंद आया होगा.. आपके विचार जानने के लिए उत्सुक - राजीव

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