आज की ताज़ा ख़बर
आज ऑफिस में बड़ी ही
इम्पोर्टेन्ट मीटिंग के बाद सोचा ब्रेक ले लिया जाये . कैंटीन से ब्लैक कॉफ़ी ली.
तभी टीवी पर चल रही एक न्यूज़ पर नज़र पड़ीं . न्यूज़ किसी बॉलीवुड स्टार के रिलेटेड
थी, की वो किसी ड्रग्स स्कैंडल में शामिल है. आरोप और प्रत्यारोप में घिरी स्टार
क्या वाकया में ही दोषी है ? अभी अदालत का फेसला तो आना अभी बाकी है. सच और झूठ की
कहानी सभी न्यूज़ चैनेल्स अपने अपने तरीके से पेश कर रहे थे. अब मीडिया की पॉवर तो
हम सब जानते है. इन सब के चलते एक सवाल की
दस्तक हुई .
ख़बरें क्या है ? अपने आस पास होने वाली घटनाओ को
जानने की जिज्ञासा है, ये एक नशा है और नशा बेचना कभी भी आसान नहीं होता . मीडिया
एक आइना है आईने में कोई भी बदसूरत तो नहीं दिखाना चाहता. खबर एक मॉडल की तरह एयर
होती है. रैंप पे चलते जेसे डिज़ाइनर चाहता है की हर एक की नज़र उसी की क्रिएशन पर
ही टिके वैसे ही हर कोई अपने तरीके से हर कोई न्यूज़ को सजाता है संवारता है और
हमारे सामने पेश करता है. एक रिपोर्ट अपनी खबर को अपनी गर्लफ्रेंड की जेसे देखता
है और आर्टिकल को दिलचस्प बनाने के लिए उस के साथ फ्लर्ट करता है जहा एक तरफ कलर ने
न्यूज़ दिखाना मुश्किल है सोचिये वहां ब्लैक न वाइट अखबार में कहा कोई समाज की
बुराइयों को देखना पसंद करता है . जो दिखता है वही बिकता है .
सच क्या है जो हम देखे सुने
क्या वो सच है ? मीडिया के कटगरऐह में एक मुलजिम है जो फैसला सुनाने की कोशिश करता
है .हमारे लिए वो एक दृश्य की तरह आ जाता है क्या वो सच है ?