सच ही है की सुबह की चाय और अखबार एक साथ जब हों हाथ में तो दिमाग से साडी भसड निकल जाती है। अरे भाई आम आदमी के शब्दों में कहें तो गरमा गरम चाय के साथ गरमागरम खबरें पड़ने का आनंद ही कुछ और है । और खबरें भी बिलकुल चाय के टेस्ट की तरह कभी कड़क तो कभी फुस कभी ज्यादा मीठी तो कभी फीकी । पर क्या कीजिये जब इस शारीर के डाइजेस्टिव सिस्टम को दोनों अखबार और चाय की आदत सी पड़ गयी हो तो इनके बिना पिछले दिन का खाना हज़म नहीं होता। चलिए अब आज का काम भी शुरू करना है । ख़बरों में क्या था ये आगे के ब्लॉग में बताऊंगा। सुप्रभात ।
एक दूसरे से जुड़ने की और समाज में कुछ सकारात्मक बदलाव लाने कि एक छोटी सी कोशिश
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