Pages

Tuesday 13 January 2015

दिल्ली का ट्रैफिक उफ़ तौबा

यह ब्लॉग से वो सब लोग खुद और भी जोड़ के देख पाएंगे जो हर रोज़ दिल्ली के ट्रैफिक से झूझते हैं। जी हाँ दिल्ली में ट्रैफिक से झूझना ही पड़ता है। खास तौर पे जब ऑफिस आपके घर से 40 या 50 किलोमीटर की दूरी पे हो। दिल्ली में अगर आप नए आये हैं और जिसी कट्टर दिल्ली वाले से पूछेंगे की भाई साहेब जरा ये तो बताएं की धौला कुआँ से करोल बाघ कितनी   दूर है। तो चौंकिएगा नहीं की अगर आपको जवाब मिले जी बस 20 मिनट में पहुँच जायेंगे। जबकि आप सोच रहे होंगे की किलोमेतव्र में कितना दूर है यह बताओ भाई। दिल्ली में तो यही दूरी वक़्त के हिसाब से घाट जाती है या बाद जाती है। जैसे अगर सुबह 8 बजे से 10 बजे तक अगर धौला कुआँ से करोल बाघ जाना हो तो 20 मिनट नहीं कम स ेकम 45 मिनट तक  लग सकते हैं यही अगर आप 11 बजे से 5 बजे के बव्वच जायेंगे तो 20 मिनट औए फिर अगर 5 बजे से 8 बजे तक फिर से 45 से 60 मिनट तक भी लग सकते हैं। ऐसा है दिल्ली के त्रफडीसी का कहर। सबसे बड़ी समस्या है लोगों का सड़क सुरक्षा नियमो के प्रति सवेंदनशील न होना। लोग जानते तो हैं की हेलमेट न पहनने से दुर्घटना होने पे जान भी जा सकती है लेको फिर भी फैशन के चलते हेलमेट नहीं डालते। गाडी चलाते मोबाइल पे बात करते हैं । लेन में गाडी नहीं चलाते। दिल्ली में हर 5 मं में एक न एक दुर्घटना होती है। न जाने दिल्ली का ट्रैफिक कब सुधरेगा। रुकिए शायद इसका जवाब हमारे ही पास है। ये तभी सुधेरेगा जब हम सब सुधरेंगे। तो आइये वादा करें की सावधानी से चलेंगे और सड़क सुरक्षा के सभी नियमो का पालन करेंगे। नहीं तो बस यही निकलेगा मुंह से दिल्ली का ट्रैफिक उफ़ तौबा। 

No comments:

Post a Comment

असान दिशा-ज्ञान