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Monday, 5 September 2016

टीचर्स डे

हमारे ग्रंथों में भी लिखा है गुरु गोबिंद दोनों खड़े का के लागू पाँव बलिहारी गुरु आपने गोबिंद दियो बताये. ...
शिक्षक हमारी बुनियाद का आधार होते है .सफलता की सब से पहली सीडी होते हैं . माता पिता के बाद एक टीचर ही ऐसा है जो चाहता है की हम कुछ बन जाये, कामयाब हो जाये .रास्ते से भटकने वाले बोहत होते है. मगर ऐसे कम ही लोग है जो भटकन को मंजिल दिखाते है.  ऐसे ही हमारे राजीव कोहली "सोच थिएटर ग्रुप" के डायरेक्टर. जो हर डगर पर हमारा मार्गदर्शन करते है, और अपने स्टूडेंट्स को बेहतर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते .व्यक्तिगत ही नहीं निजी तौर पर भी एक साधारण से इन्सान है . उनकी सब से बड़ी खूबी सकारात्मक रवैया ओर उर्जा .जो एक सुलझे हुए इन्सान की पहचान है . गुरु के पास इतना ज्ञान का भंडार होता है उनसे जितना भी सिखाने को मिले हमेशा कम ही लगता है . ये लालच है या भूख हर बार एक भिक्षुक के जेसे त्रिशना बढती ही जाती है . हर बार कुछ नया ही सिखाने को जो मिलता है .
कहने को तो बड़ा कुछ है , लेकिन मेरे शब्दों में वो बात कहा , बस इतना ही के ....

एक ज़िन्दगी निकल जाती है पहचान बनाने को, जिस मुकाम को आप ने पाया है सजदे में आप के सब ने प्यार बरसाया है.


 by:RG

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असान दिशा-ज्ञान